हममें से कुछ लोग आज भी याद करते हैं कि बिटकॉइन की नींव एक लिबर्टेरियन और क्रिप्टो-एनार्किक विचारधारा पर रखी गई थी. हालाँकि सातोशी ने राजनीति या लिबर्टेरियनिज़्म का सीधा ज़िक्र बहुत कम किया, लेकिन उन्होंने बिटकॉइन की आत्मा को अलग-अलग, सूक्ष्म तरीकों से व्यक्त किया. शायद इसका सबसे अच्छा उदाहरण वह संदेश है जो जेनिसिस ब्लॉक में ही शामिल किया गया था: “
बैंकों के लिए दूसरे बेलआउट की कगार पर चांसलर”. बिटकॉइन बनने के बाद उन्होंने हमें यह फ़ोरम भी दिया. सच है कि उस समय यह किसी और साइट पर होस्ट किया गया था, लेकिन फिर भी वह “सातोशी का फ़ोरम” ही था.
उस समय कई यूज़र्स / व्यक्तियों ने बिटकॉइन के लिबर्टेरियन और क्रिप्टो-एनार्किक विचारों को समझा और उन्हें अपनाया. उनमें से कई लोग अच्छी तरह शिक्षित भी थे और आयन रैंड द्वारा लिखी किताबें या ऑस्ट्रियन स्कूल को मानने वाले प्रसिद्ध अर्थशास्त्रियों जैसे मरे रोथबार्ड, फ़्रेडरिक ऑगस्ट वॉन हायेक या लुडविग वॉन मीसेस की रचनाएँ पढ़ने के आदी थे. (क्या आप जानते हैं कि रॉस उल्ब्रिख्ट भी एक जोशीले लिबर्टेरियन और बेहद शिक्षित व्यक्ति थे? अन्य बातों के साथ-साथ, वह गुप्त शब्द जिसे वह खुद को पहचानने के लिए इस्तेमाल करते थे, जब वह DPR से बात किया करते थे,
मरे रोथबार्ड था -- क्या आपने कभी इस पर सोचा?)
मुझे खुद आयन रैंड की
महान कृति एटलस श्रग्ड पढ़ने का मौका मिला, जो 1356 पन्नों की एक किताब है और जिसे अमेरिकी पाठकों
द्वारा बाइबल के बाद दूसरी सबसे प्रभावशाली किताब माना जाता है.

और मैं उस किताब को तब तक अपने हाथों से नहीं छोड़ सका, जब तक मैंने उसे पूरा पढ़ नहीं लिया. वह बेहद प्रभावशाली है और सबसे अहम बात यह है कि उसका असली संदेश किताब के भीतर दी गई कहानी के ज़रिए नहीं, बल्कि उन बातों के ज़रिए सामने आता है, जो आप पंक्तियों के बीच पढ़ते हैं…
इस फ़ोरम को खोजने के बाद, मुझे यहाँ अतीत में लिखे गए कई लिबर्टेरियन विषय मिलते थे. या फिर अराजकतावादियों और क्रिप्टो-एनार्किस्ट्स द्वारा लिखे गए टॉपिक्स. उनमें से कई बेहद दिलचस्प थे, जैसे कि:
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लिबर्टेरियन बनने के लिए एक त्वरित मार्गदर्शिका… -- 2011 में लिखा गया
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सभी लिबर्टेरियनों को जेल भेजो और उनमें से यह सोच पीट-पीटकर निकाल दो -- 2011 में लिखा गया
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लिबर्टेरियनिज़्म और एक्सटर्नैलिटीज़ -- 2011 में लिखा गया.
और यह सूची आगे भी चल सकती है.
लेकिन आजकल इन विषयों पर कोई नए टॉपिक्स दिखाई नहीं देते. मुझे कुछ गिने-चुने (और काफ़ी दिलचस्प) टॉपिक्स मिले, जो 2020 में लिखे गए थे:
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लिबर्टेरियनिज़्म, अर्थशास्त्र और स्वतंत्रता पर मरे रोथबार्ड के उद्धरण-
पूँजीवाद, सरकार, दर्शन और अन्य विषयों पर आयन रैंड के उद्धरण-
समाजवाद, अर्थशास्त्र और अन्य विषयों पर फ़्रेडरिक ए. हायेक के उद्धरण.
और मुझे लगता है कि ऐसे विषयों / चर्चाओं की कमी एक तरह का नुकसान है ऐसा नुकसान जो सीधे तौर पर महसूस नहीं होता, बल्कि परोक्ष रूप से असर डालता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि बिटकॉइन की नींव लिबर्टेरियनिज़्म और क्रिप्टो-एनार्किज़्म पर रखी गई थी. इन अवधारणाओं के बिना आप बिटकॉइन की कल्पना ही नहीं कर सकते.
इसीलिए मैं पूछता हूँ: लिबर्टेरियन -- अब वे कहाँ हैं? क्रिप्टो-एनार्किस्ट -- अब वे कहाँ हैं? अब आप कहाँ हैं?क्या हमारा बिटकॉइन पूरी तरह से सिर्फ़ उन लोगों से घिर गया है और उन्हीं के हाथों दब गया है, जो लालची हैं और इसमें केवल अमीर बनने का एक ज़रिया ही देखते हैं? क्या हमारा बिटकॉइन अब सिर्फ़ CEX मालिकों के लिए अपनी जेबें भरने का एक और तरीका बनकर रह गया है? क्या किसी को अब भी इसके लिबर्टेरियन सिद्धांत याद हैं…?
इस पहल के तहत अनुवादित :