|
August 18, 2019, 04:16:45 AM Last edit: August 19, 2019, 08:49:24 AM by Bitlover10 |
|
इंटरनेट का उपयोग जहां तक हमारे लिए बहुत उपयोगी साबित हुआ है वहीं शायद ही आपको पता चले कि इसने किस तरह से हमारी निजता मे सेंध डाली है। आपकी हर एक गतिविधि और क्लिक पर इस बाजार की पैनी नजर है और आप अपनी कोई भी गतिविधि इससे छिपा नही सकते।
जब आप अपने ऐप के माध्यम से किसी कैब को बुक करते है तो कैब कंपनी के पास आपकी उस समय की सारी गतिविधियों की जानकारी पहुंच जाती है। बैंक कार्ड से किसी भी सेवा का भुगतान करने पर बैंक यह जान लेता है कि आपने कब, कहां और कितने पैसे खर्च किए हैं। जब आप अपने फोन से अपने साथी को काल करते है तब फोन कंपनी को हमारी फोनबुक मे दर्ज अहम नंबरों की भी जानकारी मिल जाती है। हम अपनी दिनभर की सारी गतिविधियों के माध्यम से अपनी निजता की जानकारी सेवा प्रदाताओं को दे रहें हैं और उनके माध्यम से वो जानकारी अन्य लोगों तक पहुंच रही है।
एक शोध के अनुसार 47% उपयोगकर्ताओं ने वेबसाइट या ऐप्स का उपयोग निजी जानकारी मांगे जाने के चलते बंद कर दिया है। "
हम कभी कभी अपनी कुछ जिज्ञासाओं, चिंताओं और इच्छाओं की जानकारी किसी को नहीं देना चाहते। जैसे आपको किसी बिमारी का शक है और देर रात आप चुपके से उसके बारे में गुगल पर सर्च करते हैं। अगली सुबह इंटरनेट का उपयोग करते हुए यह देखकर झल्ला उठते हैं कि हर वेबसाइट पर आपकी बिमारी से जुड़े किसी न किसी अस्पताल,बीमा आदि का विज्ञापन दिखाई दे रहा है। आप अपना ईमेल खोलते हैं तो वहां पर भी आपकी बिमारी से जुड़ा एक बाक्स पाप अप करने लगता है यह कोई चमत्कार नहीं है बल्कि एक संदेश है कि डिजिटल माध्यमों पर आपकी गतिविधियां गोपनीय या प्राइवेट नही है। ये सुचनाएं बिग डाटा के सुचना बाजार का हिस्सा बन चुकी है।
यहां मुफ्त कुछ नहीं मिलता
मै उन सभी नये सदस्यों को इस बिन्दु को ध्यान से पढने की सलाह दूंगा जो कई सारे एयरड्रॉप अभियानों मे भाग लेने के लिए अपनी महत्वपूर्ण जानकारी सभी के बीच साझा करते हैं। एक बात आप सबको जाननी चाहिए कि डिजिटल दुनिया मे एक कहावत है कि अगर आप किसी उत्पाद के लिए धन का का भुगतान नहीं करते तो आप खुद ही एक उत्पाद है। इसका अर्थ यह है कि सेवा प्रदाता कंपनी आप की सूचनाओं को इकट्ठा करके उनको अपनी आमदनी का जरिया बनाने के लिए स्वतंत्र है। वैसे भी आज की दुनिया में कौन किसी को कुछ फ्री में देता है। सर्च इंजन, ईमेल सेवा, मोबाइल एप्लीकेशन, मुफ्त में मनोरंजन मुहैया कराने वाले प्लेटफॉर्म वह माध्यम है जिनकी सेवाओं का आप मुफ्त मे इस्तेमाल करते हैं। जब जीमेल अकाउंट बनाने पर आपसे गूगल की प्राइवेसी नीति को स्वीकार करने के लिए कहा जाता है तो उसमें यह बात स्पष्ट रूप से कही गई है कि गूगल आपकी सेवाओं का या सूचनाओं का इस्तेमाल करने के लिए पूर्णता स्वतंत्र है यहां तक कि वह किसी तीसरे पक्ष को भी इन सूचनाओं को मुहैया करा सकता है। इसी तरह जब आप कोई ऐप इंस्टॉल करते हैं तो आपके कांटेक्ट, चित्र आदि को एक्सेस करने के साथ ही आपके मोबाइल पर एसएमएस भेजने जैसी अनुमति भी ले ली जाती है और यही सूचनाओं के आधार बनती हैं। आपकी निजता को चोट करने वाले और भी बहुत सारे तथ्य है।
कुछ ढूंढना हो तो सर्च इंजन गूगल की सेवा लेना हमें सबसे आसान लगता है। गूगल ने हमारी जिंदगी को आसान भी बनाया है यह बात शत प्रतिशत सत्य है पर क्या कभी यह जानने की हमने कोशिश की कि गूगल आपके बारे में क्या क्या जानता होगा ताजा सूची के अनुसार उसे इन सब की जानकारी हो सकती है जैसे आपकी उम्र, लिंग, रिश्ते की स्थिति, आपकी लोकेशन, आपकी आय, ब्राउजिंग हिस्ट्री, आपकी डिवाइस, आपके बच्चे की उम्र, आपकी डिग्री, इंटरनेट का समय, आपकी भाषा. आपके द्वारा देखे जाने वाली वेबसाइट का संदर्भ आदि ऐसी सैकड़ों सामग्री आपके बारे में जुटाती है। और वह इन सभी सुचनाओ का उपयोग अपनी स्वतंत्रता अनुसार करता है।
आनलाइन प्राइवेसी को सुरक्षित रखने का कुछ बिन्दु :-
1- पब्लिक साइट्स पर अपनी पहचान से संबंधित विवरण पोस्ट मत करें। 2- ऐसे सर्च इंजनों का उपयोग करें, जो ब्यक्तिगत जानकारी को ट्रैक या स्टोर नही करते हों। 3- जब जरूरत न हो तो अपने फोन की लोकेशन सर्विस को बंद कर दे। 4- कुकिज को हटाने के लिए ब्राउज़र को कान्फिगर करे। 5- चाहे तो भुगतान वाली ईमेल सेवा ले सकते हों। 6- गूगल एकाउंट या ऐप पर कुछ अनुचित लगे तो उसे तुरंत निष्क्रिय कर दे। 7- क्लाउड बैकअप या गूगल केलेंडर या वेब मेल का उपयोग न करे। 8- अपनी प्राइवेसी को लेकर स्वयं को जागरूक करें।
स्रोत या प्रेरणा :- आज (18 अगस्त 2019) हिन्दुस्तान अखबार मे प्रकाशित बालेन्दु दाधीच के आलेख से प्रेरित।
|